प्रासंगिक - कुसुमी मानवता (हिंदी)

कुसुमी मानवता भाषा(Language) फिर चाहे वो कोई भी हो मानवी संवाद का मूलभूत साधन हैं. मानवी भावना हो, शास्त्र हो, ज्ञान-विज्ञान हो, भाषा के बीना प्रसारित नही हो सकता. अत: भाषा का महत्त्व असाधारण हैं. हम भारतवासी(Indian) तो इस विषय में विशेष रूप से सौभाग्यशाली हैं, क्यूँकी हमारे देश मे कई भाषा बोली जाती है. हर भाषा का अपना लहेजा है, खुशबू है, सौष्ठव है. 27 फरवरी को, देश का एक महत्त्वपूर्ण राज्य, महाराष्ट्र(Maharashtra) की भाषा मराठी का जिक्र बडा स्वाभाविक हैं. यह दिन, महाराष्ट्र में मराठी भाषा दिन के रूप में मनाया जाता हैं. मराठी के एक महान कवी, लेखक, नाटककार, संपादक विष्णू वामन शिरवाडकर (V V Shirwadkar)का यह जन्मदिन हैं. मराठी साहित्य बगीचे के वह कुसुमाग्रज हैं. उनके विशाखा काव्य संग्रह को ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया है. प्रस्तुत लेख उनकी काव्यप्रतिभा से संक्षिप्त परिचय कराने का प्रयत्न हैं. किसी भी भाषा का महत्व और महानता आम तौर पर उसकी शब्दावली, उसकी लफ्फाजी, उसके भाषालंकार, उसके व्याकरण तथा साहित्यिक व्यवहार से निर्धारित होता है। मराठी भाषा पर भी यह बात लागू ...