प्रासंगिक - अलविदा !

 अलविदा !



आठ दिसंबर की सुबह 4.30 बजे जब न्यूजरूम पहुंचा तब घर लौटनेसे पहेले देशभक्तों को विचलित करनेवाली कोई खबर देकर लौटना पडेगा  इस बात का तनिक भी अंदेशा नही था l बल्की राष्ट्रपती राम नाथ कोविंद द्वारा प्रेसिडेंट स्टँडर्ड प्रदान समारोह का मुंबई से लाईव्ह प्रसारण देख कर देश की बढती सामरिक शक्ती के अहसास से गौरवान्वित महसुस कर रहा था l लेकीन खबरों की दुनिया में, आनेवाला पल कौनसी खबर ले आएगा ये कोई नही जानता l यही वास्तविकता का उदाहरण उस दिन सामने आया l दोपहर मे सेना के हेलिकॉप्टर दुर्घटना की खबर आई और  उसमे सिडीएस रावत सवार थे ये जानकारी भी मिली l शाम होते होते समुचे देश को शोकाकुल करती, भारतीय सेना के वीर योद्धा तथा देश के प्रथम चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत की अपमृत्यू की वायुसेना ने पुष्टी की l पुरे देश मे शोक की लहर उठी l देश के इस सपुत की अंतिम विदाई के समय नागरिक बडे ही भावुक होते दिखाई दिये l अंतिम यात्रा के दौरान रास्ते में लोग पुष्पांजली अर्पित करते रहे, शव वाहिनी के साथ-साथ तिरंगा लेकर दौड़ते रहे और नारे लगाते रहे- जनरल बिपिन रावत अमर रहें। चाहे वो श्रीनगर का लाल चौक हो या फिर मुंबई की लोकल ट्रेन देशभर मे लोग भावभीनी श्रध्दांजली अर्पण कीl 


सेना के किसी अधिकारी की अंतिम यात्रा के लिए शायद ही कभी ऐसी भीड़ उमड़ी हो। जनरल रावत की अंतिम यात्रा भी उनकी जीवन यात्रा जितनी ही अभूतपूर्व रही l अग्नी को साक्षी रखकर सात फेरे लेने  के वक्त से मुखाग्नी तक पत्नी मधुलिका की उन्होंने साथ की l दोनो बेटियां किर्तिका और तारिणी पर जैसे दुख का पहाड आन पडा l अपने जन्मदाताओं के पार्थिव शरीर एकसाथ अग्नि सुपूर्द करने के कठीनतम प्रसंग का दोनो ने भी बडेही धैर्य के साथ सामना किया l  कालाय तस्मै नमः !



पहले भी 3 फरवरी 2015 को नागालैंड के दिमापुर मे सेना का चीता हेलिकॉप्टर कुछ ऊंचाई पर नियंत्रण खोने से दुर्घटनाग्रस्त हुआ था l जिसमे सवार थे तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत, जो उस समय सही सलामत बच गये थे l छह साल बाद देश के भाग्य मे कुछ और ही लिखा था l 8 दिसंबर 2021 को नियती ने जनरल रावत का साथ नही दिया l बृहस्पति वार को तमिलनाडु के नीलगिरी ज़िले के कुन्नूर में सेना के Mi-17V5 हेलिकॉप्टर दुर्घटना ने जनरल रावत की जीवन यात्रा को विराम लगाया l



वायु सेना ने एक ट्विट के माध्यम से बताया, बहुत ही खेद है कि सिडीएस जनरल बिपिन रावत, श्रीमती मधुलिका रावत और 11 अन्य लोग की एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में मौत हो गई। इस हादसे में

लांस नायक विवेक कुमार, पीएसओ

नायक गुरुसेवक सिंह, पीएसओ

लांस नायक बी साई तेजा, पीएसओ

नायक जितेंद्र कुमार, पीएसओ

लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, एसओ टू सीडीएस ब्रिगेडियर एल एस लीडर, डीए टू सीडीएस हवालदार सतपाल, पीएसओ भी मारे गए l इस हादसे की जांच के आदेश दिये गये है l 


2014-2019 वर्षों मे वायुसेना के विमान दुर्घटना के आंकडे



 

विमान/हेलिकॉप्टर 

आर्थिक वर्ष  फ्लीट


फायटर

हेलिकॉप्टर

ट्रेनर

यातायात

 

2014-15

07

01

02

01

 

2015-16

04

01

01

-

 

2016-17

06

02

01

01

 

2017-18

02

-

03

-

 

2018-19

07

02

02

-

 

2019-20

-

-

-

01




भारतीय वायुसेना में प्रत्येक विमान दुर्घटना की जांच कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (CoI) द्वारा की जाती है ताकि दुर्घटना के कारण का पता लगाया जा सके और पूरी की गई कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की सिफारिशों को लागू किया जा सके। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के पूरा होने के बाद ही नुकसान की मात्रा को अंतिम रूप दिया जाता है। एक विश्वसनीय वेब साईट के आंकडों के नुसार 2016 से लेकर विगत पांच वर्षों मे करीब साठ हवाई हादसे हुए हैं l भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में एयरोस्पेस सुरक्षा संगठन की मजबूती, दुर्घटनाओं और घटनाओं का डेटाबेस बनाए रखना, प्रशिक्षण पद्धति में सुधार, सिमुलेटर का उपयोग बढ़ाना, पक्षी जोखिम प्रबंधन में वृद्धि आदि शामिल हैं।


चाहे पहाड़ हों, जंगल हों, कश्मीर के आतंकी हों, या फिर उत्तर पूर्व की घुसपेठ, जनरल बिपिन रावत एक ऐसे जांबाज़ योद्धा थे की हर भूमिका में उन्होंने उल्लेखनीय काम किया। उत्तरी पूर्व (North East) में चीन से सटे प्रत्यक्ष नियंत्रण रेषा (Line of Actual Control) पर बटालियन की कमान संभालना, संवेदनशील माने जाने वाले कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स और इंफैंट्री डिवीजन में बतौर कमांडिंग ऑफिसर उनकी भूमिका, जनरल रावत की शानदार उपलब्धियों की मिसाल हैं l जून 2015 में मणिपुर में नागा विद्रोहियों ने 18 सैनिकों की हत्या कर दी थी I इस मिशन के पीछे थे ख़तरनाक माने जाने वाले स्पेशल फोर्सेज के पारा कमांडो l  इस मिशन की कमान संभाली थी जनरल रावत ने। साथ ही पाक व्याप्त काश्मीर (POK) की धरती पर सितंबर 2016 में हुए सर्जिकल स्ट्राइक की रणनीतिक तैयारियों में भी जनरल रावत ने अहम भूमिका निभाई थी। देश की सीमाओं के पार से भी जनरल रावत ने अपना करतब दिखायां हैं। 2008 में अफ्रिका के कांगो में हिंसाग्रस्त इलाकें में शांति सैनिक के नाते उन्होंने इंडियन ब्रिगेड की अगुवाई की जो उनकी नेतृत्व क्षमता का एक उदाहरण हैं l भारतीय सैन्य शक्ति को ज्यादा घातक बनाने के हेतू जनरल रावत को देश के पहले चीफ-ऑफ-डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस का पदभार सौंपा गया l यह नया पद उन्होंने 1 जनवरी 2020 को ग्रहण किया था l भविष्य की चुनौतियों के मद्देनज़र सेना के तीनों अंगों को तैयार करना, सेना के आधुनिकीकरण को नई दिशा देना यह उनकी प्रमुख जिम्मेदारी थी l   इस कार्य को भी अंजाम देना सुरू हुआ था l संकेत भी मिलने लगे थे l रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का परचम लहराना शुरु होना इसी का नतीजा था । 



देश के लिये मर मिटने का जज़्बा जनरल रावत की खून मे ही घुला हुआ था l उनके पिता खुद भी सेना में लेफ्टिनेंट जनरल रहे थे।16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे बिपिन रावत ने शुरूआती पढ़ाई शिमला मे करने के बाद,1978 में इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून से ग्रेजुएशन किया l जहां उनकी प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन देखने मिला l उन्हें स्वोर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। 1978 के दिसंबर में बिपिन रावत की सेना में कमीशन मिला और नियुक्ती हुइ 11 गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन मे । अपने पूरे कार्यकाल में से दस साल तक उन्होंने सरहद पर घुसपैठ और हथियारबंद संघर्षों का जमकर मुकाबला किया जिसमें पहाड़ों की दुर्गम पोस्टिंग भी शामिल है। वर्ष 1987 में अरुणाचल प्रदेश के सुमडोरोंग-चू घाटी में तब कर्नल के रूप में तैनात जनरल रावत उस बटालियन का भी नेतृत्व किया जिसने हमला कर रही चीनी फ़ौज से लोहा लिया और उन्हें पीछे खदेड दिया।

 

सेना के सबसे डेकोरेटेड अधिकारियों में से एक थे जनरल बिपिन रावत l चार दशकों की सेवाओं के लिए, परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल और साथ ही थल सेना अध्यक्ष की विशेष प्रशस्ति से उन्हे सम्मानित किया गया l 1986 मे मधुलिका रावत से उनका विवाह हुआ l देश उन्हें  हमेशा याद करेगा, एक ऐसे जांबाज़ के रूप में, जो आख़री दम तक देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करता रहा




नितीन सप्रे

nitinnsapre@gmail.com

8851540881



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