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जानेवारी, २०२२ पासूनच्या पोेस्ट दाखवत आहे

स्मृतीबनातून - "काश ना होती अपनी जुदाई मौत ही आ जाती"

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  "काश ना होती अपनी जुदाई  मौत ही आ जाती" सुख की अभिलाषा नि:संदेह रुपसे मानवी जीवन  की प्रेरणा हैं l वहीं दुख, दर्द मानवी जीवन का वास्तव हैं l सुख की चाह मे सफर पर निकला राहगीर कहीं ना कहीं, कभी ना कभी, दुःख, दर्द से रुबरू हो ही जाता हैं l और बात अगर दिल्लगी की हो तो फिर दर्द की गहराई की तुलना सागर से ही हो सकती हैं l रेडिओ मे विविध भारती पर छायागीत, बेला के फूल सूनना पहले मेरे काम का हिस्सा था अब आराम का काम है l दिल्लगी का दर्द बयां करने वाली एक निहायत बेहतरीन गजल, इन दिनों, लंबे अंतराल के बाद फिर सुनने मे आयी I एस एच बिहारी जी की लिखी इस गजल के अल्फाझ किसी संगीन की तरह दिल को चुभनेवाले हैं l ओ पी नय्यर जैसे संगीत निर्देशक जब गीत, गजल, नजम को तराशता हैं और सुरों की मलिका आशा भोसले के गले से वो प्रवाहित होती हैं तो, कहावत हैं इसलिये, वरना केवल चार, नही तो, उसे चारसो चांद लग जाते हैं l इस गजल का एक एक अल्फाज विरहातिरेक की अनुभूती कराता हैं l चैन से हमको कभी आपने जीने ना दिया ज़हर भी चाहा अगर पीना तो पिने ना दिया चैन से हमको कभी नायिका वियोग भावना से दग्ध हैं, कुछ तो छ...

प्रासंगिक - 'अस्साँ हुंण टुर जाणा ए दिन रह गये थोड़े'

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  'अस्साँ हुंण टुर जाणा ए दिन रह गये थोड़े' नाम से पहले लगने वाली उपाधी और नाम के आगे लिखि डिग्रीयों की, पुरस्कारोंकी संख्या जितनी ज्यादा, व्यक्ती उतनी ही अधिक महत्तम मानी जाती हैं l लेकीन कोई विरले व्यक्तित्व को स्वनामधन्यता प्राप्त होती है l नाम के आगे पीछे की बडी से बडी उपाधी, डिग्री, पुरस्कार सब नाम मात्र रह जाते हैं l व्यक्तित्व ही मानो सर्वोच्च पुरस्कार का आविष्कार हो जाता हैं l ऐसे व्यक्तित्व का सत्कार नही किया जा सकता, पूजा ही हो सकती है l ऐसे महान विरले व्यक्तित्व को दुनियावासी, लता मंगेशकर के नाम से जानते हैं ! लता के पिता जो स्वयं संगीत के अवकाश के आफताब थे, ज्योतिष विद्या से भी तालुकात रखा करते थे l बताया जाता है की लता के जन्म से पहले ही उन्हे इस बात का अहसास हो गया था की आनेवाले शिशु मे कुछ दैवी अंश हैं l उन्होंने नन्ही लता को ये बताया था की वो ऐसी सफलता हासिल करेगी जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता, लेकिन उसे देखना उन्हे नसिब नही होगा l उसकी शादी भी नही होगी और उसे ही घरपरिवार के निर्वाह का कर्तव्य निभाना होगा l लता जी के जीवन पर दृष्टिक्षेप डाले तो पिता द्वारा ...

प्रासंगिक - चिरंजीव राहो !

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  चिरंजीव राहो ! आज रविवार ९ जानेवारी २०२२...दिल्लीत गेले दोन दिवस पाऊस पडतो आहे. एरवी प्रभातीच सारा गाव जागवित येणारा पूर्वेचा देव सूर्यदेव, त्याचाच वार असूनही आद्याप उगवला नव्हता. सकाळी सकाळी बातमी मिळाली ती नाट्यसंगीत, भावसंगीताच्या प्राचीवर प्रदीर्घ काळ तळपणाऱ्या गोमंतकीय अरुण कमलाच्या शनिवारच्या मावळतीची. शनिवारच्या 'निशेचा तम' आता कधीच सरणार नव्हता. मराठी संगीत रंगभूमीच्या वैभवशाली परंपरेचे साक्षीदार असलेले ज्येष्ठ गायक नट रामदास कामत यांच्या निधनाची बातमी मनाला हुरहूर लावून गेली. रामदास कामत आणि माझी ओळख तशी फार जुनी. सुमारे ५० वर्षां पूर्वीची. मी प्राथमिक शाळेच्या दुसऱ्या अथवा तीसरीला असेन. नागपूर आकाशवाणी आणि माझ्या आईच्या सौजन्याने ही ओळख झाली. पुढे आकाशवाणी आणि दूरदर्शन मधील सेवेमुळे ती अधिकच दृढ होत गेली. त्याकाळी सकाळी सहा वाजता अर्चना हा भक्ती संगीताचा कार्यक्रम नागपूर आकाशवाणी वर असायचा. अर्चना म्हणजे आमच्या सकाळच्या अन्हिकाचाच एक भाग होता. सकाळी शाळेची तयारी आणि चहा बिस्कीटांच्या साथीला अर्चनेचे सकस सुर म्हणजे दिवसनाट्याची दमदार नांदीच ठरायची. 'हे आदिमा हे अ...

प्रासंगिक - अलविदा !

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  अलविदा ! आठ दिसंबर की सुबह 4.30 बजे जब न्यूजरूम पहुंचा तब घर लौटनेसे पहेले देशभक्तों को विचलित करनेवाली कोई खबर देकर लौटना पडेगा  इस बात का तनिक भी अंदेशा नही था l बल्की राष्ट्रपती राम नाथ कोविंद द्वारा प्रेसिडेंट स्टँडर्ड प्रदान समारोह का मुंबई से लाईव्ह प्रसारण देख कर देश की बढती सामरिक शक्ती के अहसास से गौरवान्वित महसुस कर रहा था l लेकीन खबरों की दुनिया में, आनेवाला पल कौनसी खबर ले आएगा ये कोई नही जानता l यही वास्तविकता का उदाहरण उस दिन सामने आया l दोपहर मे सेना के हेलिकॉप्टर दुर्घटना की खबर आई और  उसमे सिडीएस रावत सवार थे ये जानकारी भी मिली l शाम होते होते समुचे देश को शोकाकुल करती, भारतीय सेना के वीर योद्धा तथा देश के प्रथम चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत की अपमृत्यू की वायुसेना ने पुष्टी की l पुरे देश मे शोक की लहर उठी l देश के इस सपुत की अंतिम विदाई के समय नागरिक बडे ही भावुक होते दिखाई दिये l अंतिम यात्रा के दौरान रास्ते में लोग पुष्पांजली अर्पित करते रहे, शव वाहिनी के साथ-साथ तिरंगा लेकर दौड़ते रहे और नारे लगाते रहे- जनरल बिपिन रावत अमर रहें। चाहे वो श्री...